नेतास्तोत्र
नेत्री नेता मया दृस्ट्वा फटाहा नित्य ढाँटनी
निष्ठा आस्था बिहिन तुछ्य फोस्रा सिद्धान्त छाँटनी
प्रथमम थेच्चरा नाम दुतियम व्यभिचारिणी
ततियम निर्घिणी छोट्टा चतुर्थम देश लुटनी
पन्चम्तु जगतमारा षस्टम लज्जा बिहिन च
सप्तमम् कपटी दुष्ट अष्टमम गुण्डा नायक
नवमम राष्ट्रघाती च दशमम ज्यान मारनी
एकादसम उल्लु घण्टा च दुवादसै शान्ति नाशनी
त्रयोदसै जानी नजानी नेता भेटे वरपर
भागेर बसनु एक्लै नत्र नर्क सरासर ।
बत्तिसपुतली, काठमाडौं